कौन बनेगा जालोर कांग्रेस का नया जिलाध्यक्ष, किसके नाम पर सभी गुट हो सकेंगे एकजुट

कौन बनेगा जालोर कांग्रेस का नया जिलाध्यक्ष, किसके नाम पर सभी गुट हो सकेंगे एकजुट
  • पार्टी का 4 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक चलेगा संगठन सृजन अभियान, पार्टी के पर्यवेक्षक परेश धनानी लेंगे बैठक
  • नवम्बर में घोषित होगा नया जिलाध्यक्ष

दिलीप डूडी, जालोर. कांग्रेस पार्टी की ओर से संगठन सृजन अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत संगठन में बदलाव कर नए पदाधिकारी बनाए जाएंगे। जालोर में भी नया जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा। इस संगठन सृजन अभियान के कुछ नियम भी बनाए हुए है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जो भी जिलाध्यक्ष बनेगा, वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगा, लेकिन अपने जिले की विधानसभा क्षेत्रों में कौन मजबूत उम्मीदवार है, टिकट दिलाने के लिए उसकी पैरवी जिलाध्यक्ष करेगा, क्योंकि सीडब्ल्यूसी की बैठकों में जिलाध्यक्ष को भी बिठाया जाएगा।

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राहुल गांधी की मंशा है कि जिलाध्यक्ष आगामी चुनाव तक जिले में जमकर काम करे और मजबूत उम्मीदवार के चयन में भूमिका निभाए। संगठन की मजबूती के लिए ये निर्णय लिए गए है। ऐसे में अब संगठन सृजन अभियान के तहत जो भी जिलाध्यक्ष बनेगा, उसका पोर्टफोलियो कई रास्तों से गुजरेगा। लिहाजा इसकी तैयारियां शुरू होने जा रही है। इस अभियान के लिए पार्टी ने गुजरात के पूर्व नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी को जालोर-सिरोही जिले का ऑब्जर्वर बनाया है। इनको 4 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक की अवधि में जिले में बैठक कर 6 नामों का पैनल तैयार कर प्रदेश स्तर पर भेजना है, जो छंटनी के बाद राष्ट्रीय स्तर पर जाएगा। फिर नवम्बर में नए जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा होगी। नए जिलाध्यक्ष पर जिले में संगठन को मजबूत करने, मजबूत जानकार सक्रिय लोगों को पार्टी से जोड़ने, अलग अलग बने हुए गुटों को एकजुट करने और चुनाव के लिए स्वच्छ व मजबूत जिताऊ उम्मीदवार की खोज करने का काम भी रहेगा। जालोर जिले में कांग्रेस संगठन में गुटबाजी हावी है, इसलिए अपने अपने पक्ष का जिलाध्यक्ष बनाने की कोशिश भी रहेगी।

कौन कौन है दावेदार

जालोर कांग्रेस के वर्तमान में भंवरलाल मेघवाल जिलाध्यक्ष है। इन्हें 2023 विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले जुलाई में बनाया गया था। इनके साथ 71 जनों की जिला कार्यकारिणी भी बनाई गई थी, चुनावी साल को देखते हुए कई ऐसे लोगों को पदाधिकारी भी बना दिया जो जिले की जानकारी तक नहीं रखते। वहीं कई ऐसे भी थे, जो कुछ समय में ही कांग्रेस का साथ छोड़कर पाला बदल गए। कई पदाधिकारी ऐसे निष्क्रिय रहे कि कभी बैठक में नहीं आए। इस कारण संगठन मजबूत नहीं हो पाया। अब फिर से नया जिलाध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसके लिए छह जनों के नामों का एक पैनल पर्यवेक्षक तैयार करके उच्च स्तर पर देंगे।

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सूत्रों के मुताबिक इस पैनल के लिए वर्तमान जिलाध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल, पीसीसी सदस्य सवाराम पटेल, जालोर से प्रत्याशी रही रमीला मेघवाल, जिला प्रवक्ता योगेंद्रसिंह कुम्पावत, किसान कोंग्रेस के जिलाध्यक्ष शैतानसिंह धनानी व पूर्व पशु कल्याण बोर्ड अध्यक्ष गोदाराम देवासी के नाम बताए जा रहे हैं। इनके अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष नैनसिंह राजपुरोहित, पूर्व सेवादल अध्यक्ष आमसिंह परिहार, कोषाध्यक्ष जवानाराम माली व सायला ब्लॉक अध्यक्ष सवाईसिंह चम्पावत के नाम पर भी विचार किया जा सकता है।

इन चारों नेताओं की एक सहमति आवश्यक

जालोर जिले की कांग्रेस में चार नेता मजबूत स्तम्भ है। जिसमें जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष पुखराज पाराशर, भीनमाल विधायक डॉ समरजीतसिंह, रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी व पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई है। इस सभी चारों की एक सहमति ज़िस नाम पर होगी, सम्भवतया उसे जिलाध्यक्ष बनने का मौका मिल सकेगा। देखते है कि कांग्रेस के चारों धुरन्धर किस नाम पर एकजुट होते है।

इन दावेदारों की क्या मजबूती-क्या कमजोरी...

भंवरलाल मेघवाल - 

मजबूत पक्ष - वर्तमान में जिलाध्यक्ष है, पूर्व में प्रधान रह चुके है। वर्तमान में एससी वर्ग में बड़ा चेहरा है। 

कमजोर पक्ष : जिलाध्यक्ष रहते हुए संगठन को मजबूत नहीं कर पाए, नेतृत्व क्षमता में कमजोरी

सवाराम पटेल -

मजबूत पक्ष : - पीसीसी सदस्य है, 2013 व 2018 में आहोर से प्रत्याशी रह चुके, संगठन की तकनीकी जानकारी, अधिकारियों से काम करवाने का अनुभव, कानून का अनुभव

कमजोर पक्ष - खुलकर बात नहीं करना, केवल हां में हां मिलाना

रमीला मेघवाल :-

मजबूत पक्ष :- संगठन में मजबूत महिला चेहरा, जालोर से प्रत्याशी रह चुकी

कमजोर पक्ष - प्रदेश स्तर पर संगठन में पहचान नहीं

योगेंद्रसिंह कुम्पावत - 

मजबूत पक्ष - यूथ कांग्रेस से लेकर मुख्य संगठन में काम करने का करीब 20 वर्षों से अधिक का अनुभव, 9 साल से जिला प्रवक्ता दायित्व, प्रखर वक्ता, लम्बा चुनावी अनुभव, कानून के जानकार, प्रदेश व कई राष्ट्रीय स्तरीय नेताओं से सीधा संपर्क, जिले के सभी गुटों से अच्छा तालमेल

कमजोर पक्ष : - स्वयं की लॉबी तैयार नहीं

गोदाराम देवासी - 

मजबूत पक्ष :- पिछली कांग्रेस सरकार में कुछ समय के लिए पशुपालक बोर्ड अध्यक्ष, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष, लम्बे समय से पार्टी से जुड़ाव, पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत से जुड़ाव

कमजोर पक्ष - जिले में मजबूत पकड़ नहीं, कम सक्रियता

शैतानसिंह धनानी -

मजबूत पक्ष :- किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद पर मौजूद, पूर्व में भी थे दावेदार, सायला क्षेत्र में पार्टी से लम्बे समय से जुड़ाव

कमजोर पक्ष - जिले का अनुभव नहीं, कम सक्रियता