धरने में दूसरे दिन शामिल हुए भाजपा नेता बालावत व धनानी बोले, जरूरत पड़ी तो सीएम से करेंगे मुलाकात

धरने में दूसरे दिन शामिल हुए भाजपा नेता बालावत व धनानी बोले, जरूरत पड़ी तो सीएम से करेंगे मुलाकात
  • गणपतसिंह मृत्यु को लेकर धरना जारी, डॉक्टरों ने की स्वास्थ्य की जांच
  • अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व डीएसपी भी समझाइश के लिए पहुँचे

जालोर. रामसीन थाना अंतर्गत मांडोली गांव में पिछले साल 28 अगस्त को गणपतसिंह की मौत के मामले में परिवार ने आरोपियों के खुलासे की मांग को लेकर सोमवार से धरना शुरू किया है, धरना दूसरे दिन भी जारी रहा, धरने में परिवार के पांच सदस्य भूख हड़ताल पर है, ऐसे में मंगलवार को डॉक्टरों की एक टीम ने इनके स्वास्थ्य की जांच की। इधर दूसरे दिन भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रविन्द्र सिंह बालावत, दीपसिंह धनानी व भवानीसिंह बाकरा भी धरने में शामिल होकर पीड़ित परिवार को हर संभव मदद की बात कही। मीडिया से बातचीत करते हुए रविंद्रसिंह बालावत ने कहा कि परिवार लंबे समय से संघर्ष कर रहा है और मामला खुल नहीं रहा है ऐसे में हम पुलिस के अधिकारियों से बातचीत करेंगे और इस मामले का जल्द खुलासा कैसे हो इसके लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व में एसपी रहे ज्ञानचंद यादव ने हमे जल्द यह मामला खोलने का आश्वासन दिया था, लेकिन वो खोल नहीं पाए। भाजपा नेता दीपसिंह धनानी ने कहा कि पुलिस के अधिकारियों पर पूरा विश्वास है कि इस मामले को वे सुलझा देंगे इसके बावजूद नहीं खुलता है और जरूरत पड़ी तो हम मुख्यमंत्री स्तर तक भी जाएंगे। ताकि पीड़ित परिवार को राहत मिल सके। भवानीसिंह बाकरा ने कहा कि अपने बेटे के लिए 80 साल की माँ को इतनी ठंड में न्याय के लिए धरने पर बैठना पड़ रहा है यह दुख का विषय है और हमें विश्वास है कि भगवान इस बात को सुनेगा। धरने पर शाम को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोटाराम गोदारा, डीएसपी गौतम जैन ने भी पहुँच कर परिवार के लोगों को समझाया कि वे इस मामले में प्रयास कर रहे हैं और जांच आगे बढ़ रही है। 

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बता दें कि मांडोली निवासी गणपतसिंह की 28 अगस्त को गांव के सिकवाड़ा जाने वाले रास्ते पर कीचड़ में बॉडी मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुँच साक्ष्य जुटाए थे, और हत्या मानकर जांच शुरू की थी, लेकिन कई बार जांच बदलने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो परिवार ने पूर्व में भी बड़ी संख्या में सर्व समाज के साथ धरना प्रदर्शन किया था, जिसके बाद जनप्रतिनिधियों और पुलिस के अधिकारियों के आश्वासन के बाद पीड़ित परिवार काफी दिन तक इंतजार करता रहा लेकिन अब परिवार भूख हड़ताल पर बैठ गया है।