घुमंतु जाति के लोगों को जमीन दिलाने की मांग, सौंपा ज्ञापन

- तेतरोल में बसे घुमंतू परिवारों को तहसीलदार का नोटिस
जालोर. जिले के सांचौर उपखंड क्षेत्र के तेतरोल गांव में बसे घुमंतु परिवारों को तहसीलदार द्वारा अतिक्रमण मानकर जगह खाली करने के नोटिस के बाद कई परिवारों ने जिला मुख्यालय पहुंच कर गुरुवार को जिला कलेक्टर के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। जिसमें बताया कि चितलवाना तहसीलदार द्वारा धारा 91 राजस्थान भू राजस्व अधिनियम के तहत नोटिस जारी कर तेतरोल के खसरा नंबर 223 रकबा 6.95 हेक्टेयर भूमि में रकबा 0.03 हेक्टर भूमि पर अतिक्रमण होने का हवाला देकर उक्त अतिक्रमण को हटाने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन वास्तविकता यह है कि उक्त भूमि पर हमारे पीढ़ियों से घुमंतू जातियों के परिवार बसे हुए हैं, जिसमें करीब 200 परिवार वर्तमान में निवास कर रहे हैं।
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कुछ परिवार के रहवासी ढाणी बनी हुई है तथा पक्के आवास व विद्युत कनेक्शन भी है इन परिवारों के राजस्थान सहित कहीं पर भी भूमि नहीं है तथा ना ही किसी गांव में आबादी में इन परिवारों के नाम कोई प्लॉट है ऐसे में 200 परिवारों के रहने का एकमात्र सहारा उक्त गोचर भूमि पर बने हुए आवास ही है। ज्ञापन के माध्यम से निवेदन है कि घुमन्तु परिवारों को जमीन दिलाई जाए।
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इस दौरान नारायण नाथ कालबेलिया, राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष घुमंतु अर्द्ध घुमंतू एवं संयुक्त जाति परिषद, टीकमाराम जिलाध्यक्ष जालोर, पारस, दलाराम, जेखाराम, फूसाराम, खुशबू, पीतल कुमारी, राजूराम, रताराम व जगदीश समेत कई मौजूद थे।
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