धरना स्थल पहुँचे मुख्य सचेतक व एसपी, नहीं माने परिजन, आरोपियों की गिरफ्तारी पर अड़े परिजन

धरना स्थल पहुँचे मुख्य सचेतक व एसपी, नहीं माने परिजन, आरोपियों की गिरफ्तारी पर अड़े परिजन
  • पांच दिन से भूख हड़ताल पर मृतक गणपतसिंह का परिवार

जालोर. जिले के रामसीन थाना क्षेत्र के अंतर्गत मांडोली गांव निवासी गणपतसिंह की मौत के मामले में परिजनों द्वारा दिए जा रहे धरने के पांचवें दिन शुक्रवार को राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, एसपी शैलेंद्र सिंह व राजपूत समाज के वरिष्ठ लोग धरना स्थल पर पहुंचे और वार्ता की, लेकिन परिवार के लोग इस बात पर अड़ गए कि हमें अब न्याय चाहिए और आरोपियों की गिरफ्तारी हो जाएगी तो हम यहाँ से उठ जाएंगे, परिजनों का कहना है कि इस मामले को लेकर हम पहले भी धरने पर बैठे थे और आपकी बात मानकर हम आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर उठ गए थे, लेकिन सवा साल बाद भी कोई हल नहीं निकलता देख हमें मजबूरन भूख हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा। 

समझाइश के लिए पहुँचे मुख्य सचेतक गर्ग, व एसपी

पांच दिन से भूख हड़ताल पर बैठे गणपतसिंह के परिजनों खासकर गणपतसिंह की 80 वर्षीय माता समेत सभी से समझाइश के प्रयास किए। वार्ता के दौरान एसपी शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि एक दिन पहले मैं स्वयं उस क्षेत्र में गया और मामले की जानकारी ली हम इस मामले में साइबर एक्सपर्ट और टीम बढाकर जल्द खुलासे का प्रयास कर रहे हैं इसके लिए हमें थोड़ा समय तो देना होगा, पुलिस अपने स्तर से हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भी कहा कि मै भी काफी चिंतित हूँ और लगातार पुलिस के सम्पर्क में हूँ, मैंने खुद भी परिवार के लोगों से रिक्वेस्ट की है हम सभी पूरी कोशिश कर रहे हैं और पीड़ित परिवार के साथ है और यह भूख हड़ताल का निर्णय वापस लेना चाहिए, लेकिन परिजन अभी भी इस बात पर ही अड़े हुए हैं कि आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार करेगी तब ही धरना समाप्त करेंगे। 

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समाज के वरिष्ठ वागसिंह पुनक, रविन्द्र सिंह बालावत, लाल सिंह धानपुर, चंदनसिंह रामसीन ने भी परिवार से समझाइश का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। धरना स्थल पर भेरूपाल सिंह दासपा, तेजसिंह, नरपतसिंह, भंवरसिंह, श्रवण ढाका समेत कई लोग मौजूद थे। बता दें कि पिछले साल 28 अगस्त को मांडोली निवासी गणपतसिंह की मौत हुई थी परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी लेकिन कई बार जांच बदलती गई। अब जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोटाराम कर रहे हैं। इससे पूर्व साँचोर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे शरण गोपीनाथ कांबले ने जांच की थी, उन्होंने तीन संदिग्ध मानते हुए नार्को की अनुमति मांगी थी, उसके कुछ समय बाद उनका तबादला हो गया था।

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इस दौरान परिजनों समेत समाज के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था तब पुलिस ने दस दिन में इस मामले को खोलने का आश्वासन दिया था लेकिन अब सवा साल बीत जाने के बाद भी मामला नहीं खुला तो परिजन भूख हड़ताल पर बैठ गए। 

इनका कहना है...

परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं वो अपनी जगह सही है। पुलिस भी पिछले तीन दिन से पूरे प्रयास कर रही है स्वयं एसपी मोनिटरिंग कर रहे हैं। ठोस सबूत के लिए पुलिस को थोड़ा समय तो देना होगा ताकि कोई निष्कर्ष निकल सके। पूर्व की जांच डीवाईएसपी सांचौर के पास थी, पोस्ट खाली रहने से शेष अनुसन्धान में देरी हुई।

-जोगेश्वर गर्ग, मुख्य सचेतक राजस्थान सरकार

 जो भी संदिग्ध है पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है, कुछ पॉइंट नए आए हैं उन पर भी काम कर रहे हैं। मजबूत साक्ष्य जुटाए जा रहे है। परिजनों को हम आश्वस्त कर रहे हैं कि जल्द आरोपियों को पकड़ लेंगे।

 -शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया, एसपी जालोर