गाल पर गांठ के उपचार में लापरवाही बरतने पर उपभोक्ता मंच ने डॉ नरसीराम देवासी पर लगाया हर्जाना, 45 दिनों में पीड़ित को 3 लाख 7 हजार रुपए चुकाने के दिए आदेश

- दो बार गाल पर गांठ का ऑपरेशन कर वसूली थी फीस, फिर भी मरीज नहीं हुआ ठीक, बाद में एम्स के चिकित्सकों ने दी राहत
- 2013 से 2019 तक पीड़ित को गांठ की पीड़ा झेलनी पड़ी
- डॉ देवासी ने मेहता हॉस्पिटल, भंसाली हॉस्पिटल व मेडिपल्स मल्टी स्पेशयलिटी हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में दी है सेवाएं
दिलीप डूडी, जालोर. जालोर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक मामले में सुनवाई करते हुए उपचार में लापरवाही बरतने वाले निजी चिकित्सक डॉ नरसीराम देवासी के विरुद्ध मुआवजा व हर्जाने की राशि पीड़ित को 45 दिन में चुकाने के आदेश दिए हैं। मुआवजा के रूप में 2 लाख मय नौ प्रतिशत ब्याज तथा मानसिक, शारीरिक व आर्थिक हर्जाने व परिवाद व्यय के रूप में 1 लाख 7 हजार रुपए देने के आदेश दिए हैं। अध्यक्ष घनश्याम यादव व सदस्य निरंजन शर्मा ने यह निर्णय सुनाया है।
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इस मामले में सांचौर तहसील के अशोक कुमार पुत्र भाखराराम सुथार ने परिवाद पेश किया था। जिसमें बताया था कि 26 जून 2013 को उसके गाल के ऊपर एक गांठ हो गई, जिस पर उसने डॉक्टर नरसीराम देवासी को बताया तो उन्होंने गांठ का ऑपरेशन करके गांठ को निकालना बताया, जिस पर परिवादी को नियमित दवा दी गई उक्त ऑपरेशन व दवाइयां में करीब 50 हजार रुपए का खर्च आया, वर्ष 2017 में परिवादी के गाल पर जहां ऑपरेशन हुआ था वहीं पर फिर गांठ दिखाई देने लगी, जिस पर परिवादी ने डॉक्टर से संपर्क किया तो डॉक्टर ने कहा कि जो पूर्व में गांठ निकाली थी वहां दोबारा ऑपरेशन करना पड़ेगा, दिनांक 16 मार्च 2017 को डॉ नरसीराम ने सिटी स्कैन व एफएनएसी की प्रक्रिया का पालन नहीं कर, ना ही ईएनटी डॉक्टर से सलाह लिए बगैर गाल की गांठ का ऑपरेशन कर दिया।
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दूसरी बार किए गए ऑपरेशन से व दवाइयां में करीब 60 हजार रुपए का खर्च आया। ऑपरेशन करने के बाद भी परिवादी की तकलीफ कम नहीं हुई, गाल की गांठ में ज्यादा दर्द होने लगा, जिस पर परिवादी ने जोधपुर एम्स हॉस्पिटल के डॉक्टर को दिखाया तो एक्सरे करके उन डॉक्टर ने बताया कि आपके गाल की गांठ का ऑपरेशन हुआ ही नहीं है, मात्र ऊपर से चीरा लगाकर गांठ को मामूली काटा गया है, एम्स के डॉक्टर ने कहा कि उस डॉक्टर को ऑपरेशन करने का अधिकार या नॉलेज भी नहीं है, फिर एम्स के डॉक्टर ने उक्त गाल की गांठ के सैंपल लिए व लैबोरेट्री भेजे तथा 4 नवंबर 2020 को परिवादी को एम्स अस्पताल में एडमिट किया। 7 दिन परिवादी को भर्ती रखकर गाल की गांठ का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। एम्स के आपरेशन व दवाइयां का कुल खर्च एक लाख रुपए आया है तथा आगे 2 साल तक दवाइयां का खर्चा 30 हजार रुपए आया। सभी खर्च पीड़ित परिवादी अशोक कुमार ने इलाज में दोषी डॉ नरसीराम देवासी से दिलाए जाने की मांग की। उपभोक्ता मंच ने इलाज में चिकित्सक डॉ नरसीराम देवासी को लापरवाह व दोषी मानते हुए निर्णय सुनाया। जिसमें उपभोक्ता मंच ने आदेश सुनाते हुए चिकित्सक नरसीराम देवासी मेडिकल्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर सांचौर को आदेश दिया कि वे परिवादी अशोक कुमार को 45 दिन के भीतर 2 लाख रुपए मुआवजा व 27 नवम्बर 2020 से नौ प्रतिशत ब्याज राशि अदा करें। साथ ही परिवादी अशोक कुमार को हुई मानसिक क्षति व शारीरिक क्षति व आर्थिक हर्जाने के रूप में एक लाख रुपये व परिवाद व्यय के पेट 7 हजार रुपए भी 45 दिन के भीतर अदा करें।