पौधे लगाने के साथ उनकी सार-सम्भाल की जिम्मेदारी भी सौंपी - राजपुरोहित

जालोर. आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने प्रभारी सचिव विश्व मोहन शर्मा की उपस्थिति में भूति ग्राम में आयोजित 76वें जिला स्तरीय वन महोत्सव में राज्य सरकार की उपलब्धियों व हरियालो राजस्थान अभियान के संबंध में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हरियालो राजस्थान अभियान में आयोजित होने वाली गतिविधियों की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी।
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आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आह्वान पर प्रदेश में पांच साल में 50 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य हैं। पिछले साल लगभग साढ़े सात करोड़ पौधे लगाए गए थे। पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल करना और पौधा जब तक पेड़ न बन जाएं तब तक उनका रख-रखाव करना भी हम सभी की जिम्मेदारी हैं। जिस विभाग द्वारा पौधे लगाए जा रहे हैं उनकी भी जिम्मेदारी हैं कि इनका संरक्षण करें। सभी संकल्पबद्ध होकर जीवन के खुशियों के पलों में और परिजनों की याद में उनके नाम का पौधा अवश्य लगाएं और प्रदेश के वन क्षेत्र को बढ़ाने में अपना योगदान दें। इसी से हरियालो राजस्थान की परिकल्पना साकार होगी।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष हरियाली तीज पर प्रदेश में 2 करोड़ 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया। हर जिले में आमजन की भागीदारी से मातृ वन भी बनाए जा रहे हैं, जहां लोग अपने परिजनों की स्मृति में वृक्ष लगाकर पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। पौधों को पेड़ बनाने के लिए जियो टैगिंग कर पौधों की सुरक्षा एवं देखभाल भी सुनिश्चित की जा रही है। वन विभाग के अलावा राज्य के अन्य विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं, ग्राम पंचायतों, शहरी निकायों एवं आमजन को भी पौधे उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, ताकि प्रदेश के हर जिले, हर शहर और हर गांव को व्यापक स्तर पर पौधारोपण से जोडा जा सकें। यह अभियान प्रदेश में ग्रीन कवर बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
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इस अवसर पर उन्होंने आमजन से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे आएं और अधिक से अधिक पौधे लगाकर राजस्थान को हरित प्रदेश बनाने में सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि वृक्ष न केवल पर्यावरण संतुलन के लिए आवश्यक हैं, बल्कि यह भावी पीढ़ी को स्वच्छ वायु और जलवायु प्रदान करने का पुण्य कार्य भी हैं।
उन्होंने राज्य सरकार द्वारा चलाए गए वन्दे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान, कर्म भूमि से मातृभूमि अभियान, परम्परागत जल स्त्रोतों की संस्कृति को पुनर्जीवित करने व उनके संरक्षण, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0, पं. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा, राज्य सरकार के सुशासन व उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
आहोर विधायक ने पिपलोद की दुखद घटना के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा लिए निर्णयों के बारे में जानकारी देते बताया कि जिले में जर्जर विद्यालयों के मरम्मत के 109 प्रस्ताव शिक्षा विभाग द्वारा समसा के माध्यम से जयपुर भिजवाए गए हैं तथा 9 स्कूलों के भवनों को जमींदोज किए जाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इन सभी भवनों को सुरक्षा के मध्यनजर बंद कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग द्वारा जिले की प्रत्येक स्कूल व कक्षा-कक्ष का सर्वे कर 30 जुलाई तक सर्वे रिपोर्ट भिजवाई जानी है।
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उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा में स्कूलों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार द्वारा 3-3 करोड़ रूपये दिए जा रहे है तथा राज्य सरकार के निर्देशनुसार जर्जर व असुरक्षित भवनों को खाली करवाकर वैकल्पिक स्थानों पर शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इस दौरान जिला कलक्टर डॉ. प्रदीप के. गावंडे सहित प्रिन्ट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।