विश्वकर्मा विकास संस्थान के वार्षिक समारोह में समाज की प्रतिभाएं और दानवीर हुए सम्मानित

विश्वकर्मा विकास संस्थान के वार्षिक समारोह में समाज की प्रतिभाएं और दानवीर हुए सम्मानित

देवेन्द्रराज सुथार / जालोर. नगर में मंगलवार को नव निर्माणाधीन विश्वकर्मा संकुल परिसर में विश्वकर्मा विकास संस्थान का वार्षिक अधिवेशन भव्यता के साथ आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विधिवत रूप से भगवान विश्वकर्मा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर भीनमाल स्थित सिद्धेश्वर मठ के महंत सनातन गिरी का सान्निध्य रहा।

संस्थान के अध्यक्ष मोहन पाराशर ने स्वागत भाषण में कहा कि यह संकुल समाज के छात्रों हेतु छात्रावास के रूप में कार्य करेगा, जहां साहित्य, शिक्षा एवं कोचिंग की उन्नत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि इस परिसर में भगवान विश्वकर्मा का भव्य मंदिर भी स्थापित किया जाएगा, जो न केवल राजस्थान बल्कि सम्पूर्ण भारतवर्ष में समाज के लिए उत्कृष्टता का केंद्र बनेगा। यह परिसर सामाजिक गतिविधियों का सशक्त मंच बनकर समाज के उत्थान में मील का पत्थर सिद्ध होगा।

विज्ञापन

संस्थान के उपाध्यक्ष बी.एल. सुथार ने संकुल की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि विद्या दान सर्वश्रेष्ठ दान है, जो न केवल एक पीढ़ी को, बल्कि अनेक भावी पीढ़ियों को दिशा प्रदान करता है। संकुल की स्थापना में समाज के प्रत्येक वर्ग का सहयोग अत्यंत सराहनीय है।

भामाशाह मोहन सुथार ने इस संकल्पना को समाज के लिए एक नवीन प्रकल्प बताते हुए कहा कि शिक्षा आज की सर्वाधिक अनिवार्य आवश्यकता है और निर्माण की शिक्षा समाज की वास्तविक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने समाज के भामाशाहों को देवदूत की संज्ञा देते हुए उनके योगदान को अनुकरणीय बताया।

विज्ञापन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह खीमाराम सुथार ने अपने उद्बोधन में समाज में बढ़ते अंतरजातीय विवाहों पर चिंता जताते हुए सोशल मीडिया को इसका एक प्रमुख कारण बताया। उन्होंने समाज से आह्वान किया कि विघटनकारी प्रवृत्तियों से ऊपर उठकर एकजुटता के साथ समाज के चहुँमुखी विकास की दिशा में सार्थक मंथन करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी संस्था का संचालन निष्कलंक और निष्कलुष भावना से होना चाहिए, जिसमें व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कोई स्थान नहीं होता। सुथार समाज में इस तरह के क्षुद्र स्वार्थों का कोई स्थान नहीं है। 

पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ राजनेता पुखराज पाराशर ने अपने वक्तव्य में कहा कि विश्वकर्मा संकुल की सुविधाएं समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचेंगी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि समाज में भामाशाहों की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता है केवल एकजुट होकर सामूहिक सहयोग की भावना को सशक्त बनाने की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाहे जिसकी भी हो, हमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध शासकीय योजनाओं और सुविधाओं का भरपूर लाभ लेना चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान समाज के भामाशाहों एवं प्रतिभाशाली समाजबंधुओं का सम्मान किया गया। मंच संचालन मीठालाल जांगिड भीनमाल ने किया। इस अवसर पर दीपाराम सुथार (सचिव), उदाराम सुथार (कोषाध्यक्ष), महेश चंद्र, रतीलाल बागरा, अशोक कुमार, गणेशाराम, पुखराज, मांगीलाल, जेठमल, रतन सुथार जालोर, डूंगाराम बागरा, जसराज और गटाराम सहित बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित रहे।

विज्ञापन