कर्मचारी संगठनों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर 11 सूत्री मांगों का सौंपा ज्ञापन

जालोर.अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले कमर्चारी संगठनों ने बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट के सामने राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर प्रदर्शन किया। सुबह बड़ी संख्या में कर्मचारी एकत्रित हुए। जहां पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया।
विज्ञापन
शाम को अस्पताल चौराहे होते रैली निकाली, उसके बाद जिला कलेक्टर डॉ प्रदीप के. गावंडे को 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पीएफआरडीए अधिनियम को निरस्त करते हुए राज्य कर्मचारियों के 53 हजार करोड रूपये जीपीएफ खाते में जमा किये जावें तथा राजस्थान में परिभाषित पुरानी पेंशन योजना यथावत रखने की मांग की गई। इसी प्रकार राज्य सरकार, बोर्ड, निगम, स्वायत्तशाषी संस्थाओं, पंचायतीराज एवं सहकारी ( संस्थाओं में कार्यरत कार्मिकों के लिये समान काम, समान वेतन की नीति लागू कर, पूर्व के वेतनमानों में उत्पन्न विभिन्न विसंगतियों का निराकरण कर, कार्मिकों का न्यूनतम वेतन रू. 26 हजार निर्धारित किया जावें।
विज्ञापन
राज्य सरकार की अधिसूचना दिनांक 30.10.2017 द्वारा अनुसूची-5 (Schedule-V) में किये गये संशोधनों (मूल वेतन कटौती) को निरस्त कर वित्त विभाग द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना दिनांक 28.06.2013 के अनुसूची-5 (Schedule-V) में ग्रेड पे के अनुसार निर्धारित मूल वेतन (Entry Basic Pay) के आधार पर ही Entry Pay (मूल वेतन) देते हुए Pay Matrix निर्धारित की जावें। माह जनवरी 2020 से माह जून 2021 तक का मंहगाई भत्ते के एरियर का नकद भुगतान किया जावें। ग्रामीण क्षेत्र के कार्मिकों को मूल वेतन का 10 प्रतिशत ग्रामीण भत्ता स्वीकृत किया जावें। राज्य कर्मचारी, बोर्ड, निगम, पंचायतीराज एवं स्वायत्तशाषी संस्थाओं के कार्मिकों को सेवाकाल में 5 पदोन्नति के अवसर दिये जावें एवं समयबद्ध पदोन्नति (DPC) की जावें।
विज्ञापन
पदोन्नति के 5 अवसर नहीं होने की स्थिति में 7,14,21,28 एवं 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत किया जावें। इस दौरान जिलाध्यक्ष किशनलाल सारण, पूनमचंद विश्नोई, जयकरण खिलेरी, ओमप्रकाश, रायमल चौधरी, दलपतसिंह आर्य, पोकाराम माली, रामजीवन, हरिराम सारण समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।