शिक्षा में भारतीयकरण की है आवश्यकता, तभी ज्ञान परम्परा का जीवंत होगी - रवि कुमार

शिक्षा में भारतीयकरण की है आवश्यकता, तभी ज्ञान परम्परा का जीवंत होगी - रवि कुमार

जालोर. आदर्श शिक्षण संस्थान जालोर द्वारा तीन दिवसीय आचार्य सम्मेलन का प्रारंभ श्री शांतिनाथ बालिका उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर जालोर में हुआ। जालोर संकुल प्रमुख नितिन ठाकुर ने बताया कि सम्मेलन का प्रारंभ प्रांतीय संगठन मंत्री रवि कुमार, समाज सेवी जवानमल जैन चांदराई , जिला उपाध्यक्ष प्रेमसिंह, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक भंवरलाल परमार, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मुनीश मीणा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मेघा ठाकुर ने काव्यगीत का भावमय प्रस्तुति दी।

आचार्यों को संबोधित करते हुए प्रांतीय संगठन मंत्री रवि कुमार ने कहा कि शिक्षा भारत केंद्रित होनी चाहिए। शिक्षा में भारतीयकरण आवश्यक है। ज्ञान परम्परा का जीवंत होना ही शिक्षा है। ज्ञान परमात्मा का रूप है। ज्ञान सार्वभौमिक एवं शिक्षा वास्तविक है। शिक्षा के साथ संस्कार होने से मानवता के गुण बढ़ते है। विदेशियों ने अंग्रेजी भाषा का महत्व बढ़ाया है। भारतीय शिक्षा से बालक का सर्वांगीण विकास होता है। धर्म को जीवन जीने का तरीका बताया गया। मानव ने परोपकार, संवेदना, एवं करुणा का भाव जरूरी है। धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष चार पुरुषार्थ माने गए है।

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शिक्षा में हिंदुत्व एवं राष्ट्रभक्ति का भाव होना चाहिए। भारतीय संस्कृति व जीवन मूल्यों की शिक्षा देनी चाहिए। भारतीय भाषा में शिक्षा देने से मानसिक विकास अच्छा होता है। भाषा से ही संस्कार आते है। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दसवीं के परीक्षा परिणाम में पुनर्मूल्यांकन में जिले में श्रेष्ठ रही पल्लव का भी सम्मान किया गया।

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इस अवसर पर पूर्व जिला सचिव अजय कुमार गुप्ता, पूर्व छात्र प्रमुख प्रवीण शारदा, जिला सचिव दिनेशचंद गौड, नरेंद्र परमार, लहरी राम माली, जबर सिंह देवड़ा, सरदारसिंह चारण, प्रोफेसर एम एल जांगिड़, प्रभुदान राव, मिश्रीमल गर्ग, प्रकाश दवे, विक्रम कुमार, हनुमान प्रसाद उपाध्याय, मदन सिंह बालोत, पूर्व शिक्षा अधिकारी चुन्नीलाल परिहार एवं कई शिक्षाविद उपस्थित रहे।