जन जागृति मंच ने प्रशासन को दी अंतिम चेतावनी, सड़कें सुधार दो अन्यथा न्यायालय में जाने को मजबूर होंगे

जन जागृति मंच ने प्रशासन को दी अंतिम चेतावनी, सड़कें सुधार दो अन्यथा न्यायालय में जाने को मजबूर होंगे

जालोर. जालोर शहर की सड़कों पर चलना अब जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। जगह-जगह गड्ढों, उखड़ी सतहों और अधूरी मरम्मत के कारण आमजन रोज़ाना दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को लेकर जन जागृति मंच ने गुरुवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपते हुए चेताया। ज्ञापन के जरिए कहा कि अब सब्र नहीं, जवाब चाहिए, अगर प्रशासन सुधार नहीं करता है तो न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी। 

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मंच ने बताया कि वर्ष 2022 से 2027 तक नगर निकाय क्षेत्र में करीब 31 किलोमीटर सड़क निर्माण पीडब्ल्यूडी द्वारा करवाया गया, जिसे तीन कंपनियों को सौंपा गया था। इन सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए मंच ने कहा कि वर्क ऑर्डर के अनुसार निर्धारित समय सीमा में ठेकेदारों को मरम्मत करनी थी, लेकिन नवरात्रि से पहले 16 सितम्बर को दिए गए ज्ञापन के बावजूद पीडब्ल्यूडी और नगर परिषद ने 20 तारीख से मरम्मत शुरू करने का आश्वासन दिया, लेकिन आज तक कोई कार्य शुरू नहीं हुआ।

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अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेश मेवाड़ा को ज्ञापन सौंपते हुए मंच ने स्पष्ट किया कि यदि अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो मंच न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेगा, जिसमें विभागीय अधिकारियों और प्रशासन को पक्षकार बनाकर जवाबदेही तय की जाएगी।