जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता के चार वर्गों में मांडोली स्कूल की टीम रही विजेता

जालोर. राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भीनमाल में आयोजित जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता 19/17 वर्ष छात्र/छात्रा वर्ग में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मांडोली ने तीन वर्ग 19 वर्ष छात्र,19 वर्ष छात्रा और 17 वर्ष छात्र वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया और मांडोली में आयोजित 14 वर्षीय हॉकी प्रतियोगिता में छात्र वर्ग ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। एक ही सत्र में चार वर्ग में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर ग्रामीणों में खुशी की लहर छा गई और जब विजेता खिलाड़ी मांडोली गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। सर्वप्रथम विद्यालय प्रशासन द्वारा बच्चों का माल्यार्पण और मुंह मीठा कराकर जीत की बधाई दी और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर सम्मानित भी किया गया।
उसके बाद विद्यालय प्रांगण में अपने होनहार खिलाड़ियों को देखने के लिए कई ग्रामवासी और भूतपूर्व खिलाड़ी डीजे लेकर पहुंचे और अपने गांव का नाम रोशन करने वाले बच्चों को डीजे के साथ पूरे गांव में विजय जुलूस निकाला गया। बच्चों के साथ साथ ग्रामीण भी जीत की खुशी में नृत्य कर रहे थे, जुलूस गांव की प्रमुख गलियों से होकर गुजरा और हर तिराहे और चौराहे पर ग्रामीणों द्वारा जिसमे अधिकतर महिलाओं द्वारा विजेता खिलाड़ियों का स्वागत किया गया और उनको मांडोली का नाम रोशन करने पर बधाई भी दी।
24 खिलाड़ियों का राज्य स्तर पर हुआ चयन
गौरतलब है कि मांडोली में कई वर्षों से राष्ट्रीय हॉकी खेल को लेकर काफ़ी उत्साह है यहाँ हर घर में राज्यस्तर पर खेलने वाला खिलाड़ी है और स्थानीय विद्यालय कई बार विजेता भी बना है परंतु एक साथ चार वर्गों में चैंपियन बनना बहुत बड़ी कामयाबी है। इस सत्र में 24 खिलाड़ी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से राज्य स्तर के लिए चयनित हुए है जिसको लेकर ग्रामीणों में काफ़ी उत्साह है।
महिला शारीरिक शिक्षक की कड़ी मेहनत रंग लाई
मांडोली में इंद्रा शारीरिक शिक्षक लगी हुई है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से एक साथ चार चार टीम को प्रशिक्षण दिया।
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विद्यालय समय या विद्यालय समय के बाद खिलाड़ियों को हॉकी की बारीकियां सिखाई इसके साथ ही कई भूतपूर्व खिलाड़ियों और शिक्षकों ने भी पीटीआई मैडम का सहयोग किया।शारीरिक शिक्षक के लिए सबसे बड़ी समस्या चार टीमों के लिए हॉकी स्टिक और अन्य खेल सामान की व्यवस्था करने की चुनौती थी, परंतु उन्होंने भामाशाहों से संपर्क कर इसकी व्यवस्था भी कर ली और खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जिसके कारण एक ही सत्र में चार वर्गों में मांडोली की टीम विजयी हुई