समता आन्दोलन प्रत्येक वंचित व्यक्ति के साथ खड़ा है - शर्मा

समता आन्दोलन प्रत्येक वंचित व्यक्ति के साथ खड़ा है - शर्मा

जालोर. जिला मुख्यालय पर समता आन्दोलन का जिला स्तरीय अधिवेशन उत्साह और संगठनात्मक एकता के साथ आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रीय, राज्य एवं संभाग स्तर के पदाधिकारियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष पाराशर नारायण शर्मा, राष्ट्रीय सलाहकार योगेन्द्र राठौड़, जयपुर संभाग अध्यक्ष ऋषिराज राठौर, जोधपुर संभाग अध्यक्ष कैलाश राजपुरोहित तथा शिक्षा सेवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल विजयवर्गीय ने अपने विचार रखे।

विज्ञापन

राष्ट्रीय अध्यक्ष पाराशर नारायण शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि समता आन्दोलन एक समतावादी, राष्ट्रवादी और गैर-राजनीतिक आन्दोलन है, जो समाज से सभी प्रकार की बुराइयों को समाप्त कर एक सशक्त और समरस राष्ट्र के निर्माण के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समता आन्दोलन जाति आधारित आरक्षण व्यवस्था के विरुद्ध है, क्योंकि इससे समाज में जातिगत वैमनस्य बढ़ रहा है और आरक्षण का वास्तविक लाभ जरूरतमंद एवं वंचित वर्गों तक नहीं पहुंच पा रहा है।

विज्ञापन

शर्मा ने कहा कि समता आन्दोलन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए निर्धारित पांचों मानदंडों का पूर्ण समर्थन करता है तथा इन्हीं मानदंडों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में भी लागू करवाने के लिए प्रयासरत है। इसके साथ ही उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का उल्लेख करते हुए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग में क्रीमीलेयर प्रावधान और उपवर्गीकरण की व्यवस्था लागू करवाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि आरक्षण का लाभ वास्तविक वंचितों तक सीमित रह सके। पदोन्नति में जातिगत आरक्षण को समाप्त करने की मांग को भी उन्होंने न्यायोचित बताया और कहा कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की पालना में यह व्यवस्था पहले ही समाप्त की जा चुकी है।

विज्ञापन

एट्रोसिटी एक्ट को लेकर व्याप्त भ्रांतियों पर बोलते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यह धारणा गलत है कि एफआईआर दर्ज होते ही गिरफ्तारी अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट के अर्नेश कुमार प्रकरण के निर्देशों के अनुसार सात वर्ष तक की सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी आवश्यक नहीं है तथा फर्जी मामलों में अग्रिम जमानत दिया जाना अनिवार्य है। उन्होंने आमजन से अपील की कि ऐसे मामलों में भयभीत न हों, तुरंत समता आन्दोलन के पदाधिकारियों से संपर्क करें और किसी भी प्रकार के दबाव, समझौते या रिश्वत से बचें।

विज्ञापन

उन्होंने विधायिका में जातिगत आरक्षण का भी विरोध करते हुए कहा कि इससे देश में जातिगत राजनीति हावी हो रही है और विकासवादी सोच कमजोर पड़ रही है। पंचायतों और निकायों में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आरक्षण संख्यात्मक आंकड़ों के आधार पर ही दिया जाना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने राजस्थान में वैश्य समुदाय से जुड़े संगठनों से विधिसम्मत तरीके से अपनी मांग रखने का आह्वान किया।

अधिवेशन के समापन पर जालोर जिला अध्यक्ष गणपतसिंह चौहान परावा ने अधिवेशन संयोजक चंदन सिंह चंपावत, कार्यकारिणी सदस्यों, विभिन्न ब्लॉक व मंडल अध्यक्षों तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।