दिशा की बैठक में खुद की सरकार की खामियां देख चकरा गए सांसद व मुख्य सचेतक, जालोर जिलेभर में 241 चिकित्सकों में से 151 पद खाली सुनकर हैरान हुए नेता

- डिस्कॉम, जलदाय विभाग, सार्वजनिक विभाग पर हुई काफी चर्चा
दिलीप डूडी, जालोर. कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को सांसद लुम्बाराम चौधरी की अध्यक्षता में दिशा समिति की बैठक हुई। बैठक में जिले के पांच विधायकों में से केवल जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग शामिल हुए, जो मुख्य सचेतक भी है।
बैठक में सांसद चौधरी व मुख्य सचेतक गर्ग ने बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य समेत विभागों पर काफी देर तक चर्चा कर प्रगति रिपोर्ट जानी, लेकिन इन विभागों में खामियां देख हैरान भी हुए। जिस कारण एक बार तो मुख्य सचेतक गर्ग ने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता पर भड़ास भी निकालनी चाही, लेकिन प्रमाण नहीं होने के कारण गर्ग ने शांति रखना ही उचित समझा।
स्वास्थ्य विभाग के हालात जानकर हैरान हुए सांसद चौधरी
सांसद लुम्बाराम चौधरी ने बैठक में जिलेभर में चिकित्सकों के पदों की जानकारी चाही, जिस पर सीएमएचओ के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे डॉ भजनलाल डूडी ने बताया कि जिलेभर में चिकित्सकों के 241 पद स्वीकृत है, इसमें से 90 चिकित्सक कार्यरत है, जबकि 151 पद रिक्त चल रहे है। सांसद खुद ने माना कि यह बड़ी सोचनीय वाली बात है, अगली भर्ती में इसका विशेष ध्यान रखते हुए मांग करेंगे। इसी प्रकार सांसद चौधरी ने कहा कि दो बेटियां होने पर नसबंदी करवाने की योजना चल रही है, कितनी प्रगति हुई। इसकी जानकारी विभागीय अधिकारी नहीं दे पाए।
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सांसद ने इसके लिए प्रचार करने की सलाह दी। वहीं जिला अस्पताल में एम्बुलेंस की जानकारी चाही तो पता चला कि 5 में से दो एम्बुलेंस कंडम है और मरीजों के लिए केवल एक ही है। जिला प्रमुख राजेश राणा ने विकलांगता प्रमाण पत्र को लेकर लोगों को हो रही परेशानी की बात रखी। वहीं मुख्य सचेतक गर्ग ने कहा कि वे उनके मद से सायला को एम्बुलेंस देने के लिए तीन साल से प्रयास कर रहे है, लेकिन विभाग अपनी प्रक्रिया नहीं अपना रहा। मेडिकल कॉलेज के बारे में सांसद की बात पर गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार ही बनाएगी, इसके लिए दुबारा टेंडर किया जाएगा।
ढाई सौ की आबादी वाला हर गांव सड़क से जोड़ो
सार्वजनिक निर्माण विभाग से प्रगति रिपोर्ट चाही तो पता चला कि जेजेएम की तर्ज पर सार्वजनिक विभाग काम कर रहा है। इस पर सांसद ने कहा कि 250 आबादी वाले हर राजस्व गांव को सड़क से जोड़ना है। भीनमाल में ओवरब्रिज कार्य में ढिलाई पर भी नाराजगी जताई। साथ ही बायपास रोड ठीक करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को स्कूलों-कॉलेजों व अस्पतालों के सामने से गुजरने वाली सड़क पर स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए निर्देशित किया।
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पीपीपी मोड एसई ने बताया कि रोहट-आहोर तक रोड पर सर्वे करवाया जाएगा, 82 किलोमीटर रोड पर दस हजार का यातायात होता है तो इसे फोरलेन किया जा सकेगा, अन्यथा इसे टू लेन के रूप में ही विकसित किया जाएगा। जालोर -झालावाड़ ग्रीन एक्सप्रेस-वे की जानकारी देते हुए अभियंता ने कहा कि 16 हजार 266 करोड़ की लागत से यह एक्सप्रेस 402 किलोमीटर तक बनेगा, लेकिन इसके रूट का नक्शा अभी तय नहीं हुआ है। गर्ग ने कहा कि इसे आउट करना भी मत।
डिस्कॉम किसानों के जले हुए ट्रांसफार्मर क्यों नहीं बदलता
सांसद ने कहा कि किसानों के ट्रांसफार्मर जलने के बाद समय पर क्यों नहीं बदले जाते हैं, सांसद ने रिपोर्ट मांगी कि जो कम्पनी ट्रांसफार्मर देती है वो ट्रांसफार्मर कितना गुणवत्ता वाला होता है, उसमें ऑयल कितना होता है, कोयल कितनी होती है। गारंटी अवधि में कितने जल गए उसकी जानकारी मांगी। डिस्कॉम एसई ने कहा कि हमारे पास जले हुए ट्रांसफार्मर रखने की जगह नहीं है, भूमि दिलवाई जाय। सांसद ने अभियंता को कहा कि कई जगह से शिकायत मिलती है कि लोड-अनलोड के पैसे वसूल किये जाते है।
जिले में 18 साल हो गए नर्मदा को, लेकिन सभी घरों तक नहीं पहुंची
जालोर जिले में नर्मदा के पानी को पहुंचे हुए करीब 18 साल हो गए है, लेकिन सभी घरों तक अभी भी पानी नहीं पहुंचा है।एफआर प्रोजेक्ट के जेजेएम में केवल 33 प्रतिशत ही काम कैसे हुआ। मुख्य सचेतक गर्ग ने तो जलदाय विभाग के एसई पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि पाइप लाइन लगाने के लिए किसी व्यक्तिगत ठेकेदार के पास भेजते हो, यह शिकायत मेरे पास आई है। हालांकि गर्ग ने ठेकेदार का नाम नहीं बताया। अधिकारी ने कहा कि मेरे कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं हुआ। गर्ग ने 6-6 हजार रुपये में लगे ठेकेदार के सभी कार्मिकों को हटाने के निर्देश दिए है, उन्होंने कहा कि ये सभी कार्मिक अधिकारी बन बैठे है, ग्रामीणों को जवाब भी नहीं देते है।
जिले में कमजोर हो रही है मनरेगा
जालोर जिले में मनरेगा बुरी स्थिति से गुजर रही है। श्रमिकों को दो महीने से पैसे नहीं मिले है। सीईओ नन्दकिशोर राजोरा ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में जिले में करीब 14 हजार श्रमिक कामकाज पर है। सीईओ ने बताया कि मनरेगा में 82 करोड़ रुपए मेटेरियल के अभी बकाया चल रहे है। नेताओं ने भी मनरेगा की बात को ज्यादा गम्भीरता से नहीं लिया।
बैठक में जिला प्रमुख राजेश कुमार, जालोर प्रधान नारायण सिंह राजपुरोहित ने विभिन्न समस्याओं के बारे में अवगत करवाते हुए उनके निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
जिला कलक्टर डॉ. प्रदीप के. गावंडे ने जिले में विकास कार्यों की प्रगति व बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक ज्ञानचन्द्र यादव, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नंदकिशोर राजौरा, रमेश राणा, चिरंजीलाल दवे, डॉ. मंजू मेघवाल, खेमराज देसाई, हुकुमसिंह, ओमप्रकाश सहित जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।