उद्यान विभाग और जयपुर की फर्म राधा गोविंद को सेवा में त्रुटि का दोषी माना, उपभोक्ता मंच ने एक लाख दस हजार का जुर्माना ठोका

उद्यान विभाग और जयपुर की फर्म राधा गोविंद को सेवा में त्रुटि का दोषी माना, उपभोक्ता मंच ने एक लाख दस हजार का जुर्माना ठोका

जालोर. जालोर सहित राजस्थान के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। अगर आपने भी गारंटी अवधि में ग्रीन हाउस या अपने कृषि कुएं पर कृषि उपकरण लगाए हैं और वो गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त हुए है तो चिंता करने की जरुरत नहीं है। बस आपको जिला उपभोक्ता न्यायालय की ओर रुख करने भर की देर है। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष घनश्याम यादव ने एक किसान को गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त ग्रीन हाउस नहीं बदलने वाली होर्टीकल्चर डवलपमेंट सोसायटी और सप्लायर्स फर्म राधा गोविंद को सेवा में त्रुटि का दोषी मानते हुए एक लाख दस हजार का भारी जुर्माना ठोका है। साथ ही ग्रीन हाउस लगाए जाने में किसान द्वारा खर्च की गई राशि को भी मय ब्याज लौटाने का आदेश दिया है।

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दरअसल, परिवादी कांतिलाल पुत्र गलबाराम मेघवाल निवासी भागली सिंधलान ने अपने खातेदारी खेत में ग्रीन हाउस लगाने के लिए अप्रार्थी संख्या 1 सहायक निदेेशक, होर्टीकल्चर डवलपमेंट सोसायटी जालोर को 23-11-2017 को आनलाइन रसीद कटवा कर आवेदन किया था। इसके पश्चात अप्रार्थी सं 1 व अप्रार्थी संख्या 2 मैसर्स राधा गोविन्द ट्रेडर्स के प्रो. मदन मोहन यादव, जयपुर के साथ पांच सौ रुपये के स्टाम्प पर एक अनुबंध भी किया था। जिसके तहत अप्रार्थीगण ने परिवादी के खेत क्षेत्रफल 1.19 हैक्टर भूमि पर ग्रीन हाउस लगाने तथा ग्रीन हाउस का निर्माण एवं स्थापना करने से तीन वर्ष तक उसे ठीक करने अथवा बदलने की निःशुल्क गारन्टी भी दी। परिवादी ने ग्रीन हाउस लगाने के लिए अप्रार्थी संख्या 2 को जरिए चेक एवं नकद कुल पांच लाख अड़तीस हजार रुपये अदा किए थे। संपूर्ण राशि प्राप्त करने के बाद अप्रार्थीगण ने परिवादी के खेत में ग्रीन हाउस लगाया, लेकिन कुछ समय तक सही ढंग से कार्य करने के बाद ग्रीन हाउस की नेट गुणवता वाली नहीं होने से ग्रीन हाउस की नेट पूरी तरह से फट गई, जो गारंटी अवधि के दौरान थी। परिवादी ने अप्रार्थीगण को कई बार शिकायत की, लेकिन गारंटी अवधि के बावजूद उसे नहीं बदला गया और ना ही ठीक किया गया। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष घनश्याम यादव और सदस्य निरंजन शर्मा ने पत्रावली पर आए तथ्यों और अप्रार्थीगण के जवाब का अवलोकन करने के पश्चात अप्रार्थी सहायक निदेशक, होर्टीकल्चर डवलपमेंट सोसायटी जालोर और मैसर्स राधा गोविंद ट्रेडर्स के प्रो. मदन मोहन यादव को सेवा में त्रुटि का दोषी माना तथा परिवादी द्वारा ग्रीन हाउस के लिए चुकाई गई संपूर्ण राशि पांच लाख अड़तीस हजार रुपये मय ब्याज लौटाने का आदेश दिया। साथ ही मानसिक व्यय और परिवाद व्यय के रुप में एक लाख दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।