खुद को सिरे मन्दिर से बड़ा साबित करने का प्रयास, मंत्री की बात मानकर अनशन तोड़ने पर राजी हुए अभयदास

- कथा वाचक अभयदास का 24 घण्टे चला घटनाक्रम
- मंत्री के साथ पहुंचे बायोसा मन्दिर, चार बसों में समर्थक भी मन्दिर पहुंचे
- मजारों की जांच के लिए प्रशासन को लिखेंगे
दिलीप डूडी, जालोर. कथा वाचक अभयदास की ओर से अपने समर्थकों के साथ बायोसा मन्दिर दर्शन करने को लेकर शुक्रवार शाम को शुरू हुआ घटनाक्रम आखिरकार शनिवार शाम को शांत हुआ। चौबीस घण्टे की इस अवधि में विद्वान माने जाने वाले कथा वाचक अपनी मांगों का स्टैंड बदलते रहे।
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अंततः शनिवार शाम को कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत के आने के बाद अनशन तोड़ने को राजी हुए। उसके बाद मंत्री के साथ वे बायोसा मन्दिर पहुंचे, उनके साथ उनकी मांगों के अनुसार चार बसों में उनके समर्थक भी रहे।
यूं चला घटनाक्रम
कथा वाचक शुक्रवार को अपने समर्थकों के साथ बायोसा मन्दिर जाना चाह रहे थे, लेकिन परमिशन नहीं होने के कारण कानून व्यवस्था को देखते हुए पुलिस ने उन्हें रोक दिया था, इस कारण अभयदास नाराज हो गए। इस कारण वे कथा स्थल से कुछ दूरी पर जाकर एक मकान की छत बैठ गए थे। नीचे जमीन पर बारिश में भी उनके समर्थक जुटे रहे। रात को अभयदास ने मांग रखी थी कि अब बात बढ़ गई है, अब तो मुख्यमंत्री आएंगे तभी वे अनशन तोड़ेंगे, अन्यथा वे अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे। इसे देखते हुए अभयदास से मान मनोव्वल का दौर रात को भी चलता रहा। रात सिरे मन्दिर के कई साधु मनाने पहुंचे। भवरानी से ईश्वरसिंह भी उन्हें मनाने पहुंचे, लेकिन अभयदास नहीं माने। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए बाहरी जिलों से बड़ी संख्या में समर्थकों को पहुंचने का आग्रह भी किया।
सिरे मन्दिर महंत की बातों को भी नकारा
कथा वाचक अभयदास की मांगों को समझते हुए सुबह लेटा महंत रणछोड़ भारती ने भी सोशल मीडिया पर उन्हें अनशन तोड़ने की अपील की। उसके बाद सिरे मन्दिर के महंत गंगानाथ महाराज ने भी अपील जारी की और रेवतीं नाथ व आनन्दनाथ को सिरे मन्दिर प्रतिनिधि मंडल के रूप में मनाने भेजा।
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सिरे मन्दिर के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि बायोसा मन्दिर हम दर्शन करवाते है, साथ में उनके समर्थक भी लेकर चलेंगे, काफी मान मनुहार करने के बाद भी सिरे मन्दिर प्रतिनिधि मंडल की बातों को अभयदास ने नकार दिया, अभयदास मांग रखने लगे कि यहां के कलेक्टर, एसपी व डीएसपी को जब तक निलंबित नहीं किया जाएगा, तब तक नहीं मानेंगे। इससे निराश होकर प्रतिनिधि मंडल अखाड़े पहुंचा और प्रेसवार्ता कर अभयदास से किनारा कर लिया।
मंत्री जोराराम की बातों से हुए सहमत
शाम को राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत आये, बताया जा रहा है कि मंत्री स्वयं कथा वाचक को अपना गुरु मानते है। इस कारण अपने शिष्य की बात को नहीं टाल पाए। मंत्री के हाथों अनशन तोड़ा। उसके बाद बायोसा मन्दिर गए, साथ में उनकी मांग पर चार बसों में उनके समर्थकों को भी बायोसा मन्दिर के दर्शन करवाए और लौट आए। दर्शन के बाद कथा वाचक ने कहा कि मन्दिर के आसपास व किले पर जिस प्रकार से अतिक्रमण कर मजारें बनाई गई है, उसकी शिकायत दी जाएगी।
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प्रशासन ने भी कहा कि शिकायत के आधार पर नियमानुसार जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान कलक्टर प्रदीप के. गावंडे, पुलिस अधीक्षक ज्ञानचन्द्र यादव भी मौजूद रहे।