जालोर पूरे जिले में फ्री जांच के लिए केवल चार सोनोग्राफी, शेष 58 निजी अस्पतालों में चल रहा पैसे का खेल!
- इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर तक जिले के सभी केंद्रों पर 292926 मरीजों की सोनोग्राफी की गई, इसमें केवल 16510 मरीजों की सोनोग्राफी सरकारी संस्थानों में ही हो पाई
- जिले में केवल जालोर एमसीएच, भीनमाल सीएचसी, जसवंतपुरा व सांचौर सीएचसी पर ही सोनोग्राफी सुचारू
दिलीप डूडी, जालोर. राजस्थान सरकार की ओर से सरकारी चिकित्सा संस्थानों में कई प्रकार की जांचें भले ही निशुल्क कर दी गई हो, लेकिन संसाधनों की उपलब्धता नहीं होने के कारण मरीजों को पैसा खर्च करना ही पड़ता है। इस खबर के जरिए हम जालोर जिले में सोनोग्राफी जांच को लेकर पाठकों को अवगत करवाना चाहेंगे कि जालोर में कितनी व्यवस्था है और मरीज कितना लाभ ले पा रहे हैं। दरअसल, राजस्थान में सरकारी संस्थानों में किसी भी मरीज के लिए सोनोग्राफी जांच बिल्कुल फ्री है। साथ ही सरकार की ओर से मां वाउचर योजना के तहत कुछ ऐसे निजी अस्पताल भी चयनित किए हुए है, जिनमें गभर्वती महिलाओं की सोनोग्राफी के पैसे नहीं लिए जाते है, ऐसे अस्पतालों को इसकी फीस सरकार स्वयं चुकाती है, लेकिन शेष अन्य मरीजों से ये निजी अस्पताल जमकर फीस वसूलते है और कई निजी अस्पताल तो खानापूर्ति के लिए भी सोनोग्राफी जांच कर लेते है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों बोझ झेलना पड़ता है।
इन सरकारी संस्थानों में ही है सोनोग्राफी सुविधा
जालोर जिले में जिला अस्पताल के अलावा एमसीएच, उप जिला अस्पताल और कई बड़े स्थानों पर सीएचसी की सुविधा है, लेकिन आज वर्तमान स्थिति में केवल जालोर जिला मुख्यालय स्थित एमसीएच, भीनमाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), जसवंतपुरा सीएचसी व सांचौर सीएचसी में ही सोनोग्राफी मशीन जांच के लिए सुचारू है। शेष सोनोग्राफी निजी अस्पतालों में उपलब्ध है। अक्सर सरकारी संस्थानों में रेडियोलॉजिस्ट के अभाव के कारण सोनोग्राफी मशीन शुरू नहीं करने का हवाला दिया जाता है, लेकिन दूरस्थ गांवों में कई निजी अस्पतालों में अप्रशिक्षित लोग भी सोनोग्राफी मशीनों का संचालन करते देखे जा सकते हैं।
दस महीने में केवल 16510 सरकारी संस्थानों में हुई सोनोग्राफी
जालोर जिलेभर में चार सरकारी चिकित्सा संस्थानों के अलावा 58 निजी अस्पतालों, क्लिनिक सेंटरों व निजी सेंटरों पर सोनोग्राफी मशीनें संचालित की जा रही है। इनमें वर्ष 2025 के जनवरी से लेकर अक्टूबर तक जालोर जिले के सभी 62 स्थानों में इन सभी पर 2 लाख 92 हजार 926 मरीजों की सोनोग्राफी जांच की गई। जिसमें जालोर जिले की चार सरकारी संस्थानों में केवल 16510 मरीजों की ही सोनोग्राफी हुई। शेष सोनोग्राफी जांच निजी अस्पतालों में हुई। जो सरकार द्वारा चयनित अस्पताल है, उनमें मां वाउचर योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी निःशुल्क हुई, शेष में मोटी रकम वसूली गई।

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एक सोनोग्राफी जांच के लिए करीब पांच सौ से आठ सौ रुपए तक वसूल किये जा रहे है। कमजोर वर्ग के लोगों के लिए इतनी फीस देना मुश्किल रहता है। सरकारी संस्थानों में सोनोग्राफी व्यवस्थाएं बढ़े तो मरीजों को कुछ राहत मिल सकती है।
सांचौर के अस्पताल सबसे भारी
सोनोग्राफी जांच के मामले में सांचौर के अस्पताल सबसे भारी पड़ रहे है। बीते कई वर्षों से सांचौर सरकारी सीएचसी पर सोनोग्राफी व्यवस्था सुचारू नहीं थी, लेकिन अब यहां सीएचसी में सोनोग्राफी जांच शुरू हुई है। इसमें 351 सोनोग्राफी जांच हुई है, जिसमें 127 जांच गर्भवती महिलाओं की हुई है। इसके अलावा सांचौर पूरे उपखण्ड में इस वर्ष के दस महीनों में 96 हजार 609 मरीजों की सोनोग्राफी हुई, जिसमें 37517 जांच गर्भवती महिलाओं की की गई है। चितलवाना क्षेत्र इसमें शामिल है। इसके बाद दूसरे नम्बर पर भीनमाल उपखण्ड है, भीनमाल में जनवरी से अक्टूबर तक 71700 सोनोग्राफी जांच हुई, जिसमें से 30415 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई है। इसके अलावा जालोर उपखण्ड क्षेत्र में 50899 सोनोग्राफी हुई, जिसमें से 17476 जांच गर्भवती महिलाओं की करवाई गई है। वहीं सायला क्षेत्र में कुल 28046 जांच में 13603 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई। आहोर में 16448 जांच में 8495 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई। बागोड़ा में 15118 में से 8366 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई। रानीवाड़ा में 11091 में से 5702 गर्भवती महिलाओं की जांच तथा जसवंतपुरा में 3015 सोनोग्राफी जांच में से 1454 जांच गर्भवती महिलाओं की की गई।
इन दस केंद्रों पर हर महीने एक हजार से अधिक होती है सोनोग्राफी जांच
जालोर जिलेभर में दस केंद्र ऐसे है, जहां हर महीने औसत एक हजार से अधिक मरीजों की सोनोग्राफी जांच की जा रही है। 1 जनवरी से 31 अक्टूबर 2025 तक के आंकड़े कुछ यही स्थिति बयां कर रहे हैं। इसमें भीनमाल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर भीनमाल पर इस अवधि में 10014 मरीजों की सोनोग्राफी जांच की गई। इसी प्रकार नाहर हॉस्पिटल भीनमाल में 10109, श्री भरत नर्सिंग होम एंड चौधरी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सेंटर भीनमाल में 13747 मरीजों की जांच हुई।

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इसी प्रकार सोलंकी प्राइवेट क्लिनिक जालोर पर 12081 जांच, सुप्रीम डायग्नोस्टिक सेंटर जालोर पर 13470 जांच की गई। इसी प्रकार देवासी सोनोग्राफी सेंटर सांचौर में 12853 मरीजों की सोनोग्राफी की गई। वहीं डॉ बाबूलाल विश्नोई हॉस्पिटल में 11599 सोनोग्राफी जांच हुई। जबकि डॉ भजन सोनोग्राफी एंड इमेजिंग सेंटर पर 14677 जांच की गई। इसी प्रकार डॉ मंजू भूरिया सांचौर हॉस्पिटल में 12728 सोनोग्राफी जांच हुई। जबकि सत्यम हॉस्पिटल में 14393 तथा सूरज हॉस्पिटल सायला में 11328 सोनोग्राफी जांच पिछले दस महीने में की गई है।
इसलिए करनी पड़ती है सोनोग्राफी जांच
महिला के गर्भावस्था होने पर बच्चे की वृद्धि देखने के लिए, पेट दर्द के कारणों का पता लगाने और लीवर, गुर्दे या पित्ताशय में समस्या होने पर चिकित्सक सोनोग्राफी जांच की सलाह देते है। वहीं गर्भवती महिला की जांच के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट की पालना करते हुए जांच करनी होती है, उल्लंघन करने पर विभाग की ओर से कठोर कार्रवाई की जाती है।
इनका कहना है...
जालोर जिले में सरकारी चार संस्थानों में तथा 58 निजी संस्थानों में सोनोग्राफी जांच की जाती है। पीसीपीएनडीटी गाइडलाइन की पूर्ण पालना के लिए नियमित मॉनिटरिंग की जाती है।
- शंकर सुथार, जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी, जालोर