बागरा में एक्सप्रेस ट्रेन ठहराव की मांग पर मोहर का इंतजार

बागरा में एक्सप्रेस ट्रेन ठहराव की मांग पर मोहर का इंतजार
  • वर्षों से उठ रही आवाज, जनप्रतिनिधियों के आश्वासन भी बेअसर

देवेन्द्रराज सुथार / बागरा. कस्बे में एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव की मांग वर्षों से उठती आ रही है, लेकिन यह मांग अब तक अधूरी ही है। फिलहाल बागरा रेलवे स्टेशन पर केवल डेमू ट्रेन का ठहराव है, जबकि एक्सप्रेस ट्रेनें यहां बिना रुके गुजर जाती हैं। इस वजह से कस्बे सहित आसपास के गांवों के यात्रियों को भारी असुविधा झेलनी पड़ रही है।

बागरा और उसके आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव बड़ी राहत साबित हो सकता है। लेकिन ठहराव न होने के कारण उन्हें लंबी दूरी की यात्रा के लिए जालोर, सिरोही या अन्य बड़े स्टेशनों तक जाना पड़ता है। इससे समय और धन दोनों की हानि होती है। अहमदाबाद, चेन्नई, बेंगलुरू जैसे शहरों में काम करने वाले प्रवासी सबसे ज्यादा परेशान हैं। उनका कहना है कि रोजाना सैकड़ों यात्री आसपास के गांवों से जालोर या सिरोही पहुंचते हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि बागरा में ट्रेन नहीं रुकती।

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मारवाड़ बागरा स्टेशन के इर्द-गिर्द दर्जनों गांव बसे हैं — आकोली, डूडसी, दीगांव, सांथू, सियाणा, नून, बीबलसर और नागणी सहित कई गांवों की आबादी हजारों में है। इन गांवों के निवासियों का कहना है कि इतनी बड़ी जनसंख्या और यात्रियों की संख्या होने के बावजूद बागरा में एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव न होना सरासर अन्याय है।

ग्रामीणों का कहना है कि स्टेशन पर ठहराव होने से न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि क्षेत्र के व्यापार और रोजगार के अवसरों को भी गति मिलेगी। लोगों ने कई बार सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपे, लेकिन अब तक किसी स्तर पर ठोस पहल नहीं हुई।

स्थानीय निवासी भंवरलाल सुथार का कहना है कि हर बार जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन तो दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जनता अब वादों से नहीं, परिणामों से उम्मीद रखती है। वहीं गंगासिंह ने कहा कि अगर बागरा में एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव मिल जाए, तो हजारों लोगों को राहत मिलेगी और प्रवासियों की बड़ी समस्या समाप्त हो जाएगी।

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क्षेत्रवासियों का कहना है कि अब समय आ गया है जब रेलवे प्रशासन को इस लंबे समय से लंबित मांग पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। बागरा में एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव केवल सुविधा नहीं, बल्कि जरूरत बन चुका है। जनता को अब इंतजार नहीं, समाधान चाहिए — ताकि विकास की राह पर बागरा भी आगे बढ़ सके।